आज जमाना आईटी का है। घर-घर में कंप्यूटर लगे हैं। ऐसे में कंप्यूटर एसेंबलरों की जरूरत बढ़ने लगी है। एसेंबलिंग कोर्स के तहत कंप्यूटर में कोई खराबी आने पर पार्ट बदल कर दूसरा पार्ट/कार्ड या पुर्जा लगाया जाता है। इसके अलावा कोई एसेंबलर खराब कार्ड, पार्ट या पुर्जे को सिर्फ बदलने का ही काम नहीं करता, बल्कि यह खराब कार्ड या पार्ट को दुरूस्त करके उसे पूर्ववत काम करने लायक बना देता है। जाहिर है कंप्यूटर का कोई पार्ट बदलने पर खर्च अधिक आता है जबकि ठीक कर देने में नाम मात्र खर्च आता है। इसलिए आजकल एसेंबलरों की मांग काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि कंप्यूटर हार्डवेयर का कोर्स अत्यधिक रोजगारात्मक हो गया है।
सामान्यतया कंप्यूटर एसेंबलिंग कोर्स में डिप्लोमा प्रोगाम कराया जाता है। इसकी अवधि 3 महीने से लेकर एक साल तक हो सकती है। कोर्स में बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, डिसेंबलिंग, एसेंबलिंग एंड ट्रबलशूटिंग, एबाउट वायरसेस एंड एंटी-वायरसेस, इंस्टॉलेशन ऑफ सॉफ्टवेयर की पढ़ाई होती है।
इस कोर्स में प्रवेश के लिए इंटरमीडिएट पास होना जरूरी है। यदि आपने बारहवीं विज्ञान विषयों से उत्तीर्ण किया है तो यह आपके लिए यह प्लस प्वाइंट है।
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