आधुनिक युग में मोबाइल हमारे दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, इनके बिना जिंदगी की कल्पना करना भी मुश्किल-सा लगता है। फोन में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी हो जाने पर लोगों को फोन इंजीनियर्स की आवश्यकता होती है और लोगों की इसी जरूरत ने मोबाइल फोन इंजीनियर्स को रोजगार प्रदान करने में महत्पवूर्ण भूमिका अदा की है। इस प्रोफेशन की खासियत यह है कि कोर्स करने के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की भी जरूरत नहीं होगी। पिछले पांच-सात सालों में मोबाइल रिपेयर्स की मांग तेजी से बढ़ी है। इस कारण आने वाले समय में इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का भविष्य काफी उज्ज्वल है। मोबाइल के बढ़ते उपयोग को देखते हुए इसके रख-रखाव, रिपेयरिंग, असेंबलिंग, सॉफ्टवेयर लोडिंग, वायरस रिमूव करने, मोबाइल अपग्रेड करने, पासवर्ड ब्रेक, रींइंस्टॉल, सेल-परचेज आदि के क्षेत्र में जॉब की असीम संभावनाएं हैं।
मोबाइल रिपेयर एक्सपर्ट बनने के लिए आपको किसी अच्छे ट्रेनिंग सेंटर का चुनाव कर उसमें प्रवेश लेना पड़ेगा। इसके लिए चुने गए सेंटर का प्रवेश फॉर्म भर कर उसके साथ दो फोटो, पता व पहचान पत्र और निर्धारित फीस जमा करें। विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग फीस निर्धारित है। मोबाइल रिपेयरिंग के कोर्स देश के सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। इसकी अवधि तीन से छह महीने की होती है। कंप्यूटर द्वारा यह कोर्स कराने वाले संस्थान 10 से 50,000 रुपये तक फीस लेते हैं। आईटीआई से 10 से 20 हजार रुपये में यह कोर्स कर सकते हैं। यह एक सर्टीफिकेट कोर्स है, जिसे किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किया जा सकता है। आईटीआई स्टूडेंड की सुविधानुसार एक से तीन माह में यह कोर्स कराता है।
मोबाइल इंजीनियरिंग करने के लिए कोई विशेष योग्यता पहले से निर्धारित नहीं की गई है। अधिक-से-अधिक शिक्षाप्राप्त व्यक्ति और कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी इस कोर्स को करके मोबाइल रिपेयरिंग का प्रोफेशन अपना सकता है। अभ्यर्थी को हिंदी के अलावा थोड़ा बहुत अंग्रेजी की जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज है तो यह आपके लिए प्लस प्वाइंट है।
मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करने और कुछ साल का अनुभव प्राप्त कर लेने के बाद कैरियर और स्वरोजगार के कई विकल्प खुल जाते हैं, जिनमें स्वयं की मोबाइल रिपेयरिंग शॉप या सर्विस सेंटर खोलने के अलावा नोकिया, सैमसंग, पैनासोनिक और सोनी एरिक्सन जैसी मोबाइल कंपनियों के सर्विस सेंटर में नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप विभिन्न कंपनियों की डीलरशिप या डिस्ट्रीब्यूटरशिप का काम भी ले सकते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग से संबंधित कोर्स विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों में चलाए जाते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग के क्षेत्र में कई अवसर हैं। छोटे स्तर और लघु पूंजी से यह काम शुरू किया जा सकता है। चूंकि मोबाइल फोन आज सबकी जरूरत बन चुका है, इसलिए इस स्वरोजगार क्षेत्र में काफी अवसर हैं। आप बड़ी शॉप खोलकर मोबाइल स्पेयर पार्ट्स भी बेच सकते हैं। इसके अलावा पुराने खराब मोबाइल ठीक करके उनसे भी अच्छी कमाई होगी। मोबाइल रिपेयरिंग के क्षेत्र में अधिकतम आय की कोई सीमा नहीं है। प्रशिक्षण के उपरांत कम से कम 4000 रुपए प्रतिमाह तक कमाई की जा सकती है। कार्यरक्षता और अनुभव बढ़ने के साथ वेतन बढ़ता जाता है। मोबाइल ट्रेनर के तौर पर किसी निजी प्रतिष्ठान में 25,000 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा की भी कमाई हो सकती है।